अंबिकापुर @thetarget365 नगर निगम अंबिकापुर के नवनिर्वाचित 16 कांग्रेस एवं एक निर्दलीय पार्षद ने आज कलेक्ट्रेट सभागार में पद और गोपनीयता की शपथ ली। शपथ ग्रहण समारोह का नेतृत्व निगम में नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद ने किया।
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्षदों ने महापौर मंजूषा भगत के हालिया नफरती बयान के विरोध में 2 मार्च को मुख्यमंत्री की मौजूदगी में होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में शामिल न होने का निर्णय लिया था। कांग्रेस ने महापौर से सार्वजनिक माफी की मांग की थी और उनके बयान की शिकायत कोतवाली पुलिस से भी की गई है।
महापौर के माफ़ी न मांगने तक काली पट्टी बांधेंगे पार्षद
शफी अहमद ने कहा कि जब तक महापौर अपने बयान के लिए सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगतीं, तब तक कांग्रेस पार्षद निगम की कार्यवाही में काली पट्टी बांधकर भाग लेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने महापौर को आदिवासी समुदाय के खिलाफ बोलने के लिए मजबूर किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि महापौर स्वयं आदिवासी समाज से आती हैं, लेकिन सरगुजा भाजपा में हुए हालिया बदलावों के कारण उन पर ऐसा बयान देने का दबाव डाला गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने महापौर के कंधों का इस्तेमाल कर नगर निगम के पूर्ववर्ती दो आदिवासी महापौरों और पूरे आदिवासी समाज के प्रति संघ की अस्पृश्यता की भावना को व्यक्त किया है।
शपथ से पूर्व बजरंग बली के मंदिर में की पूजा
कांग्रेस पार्षदों ने शपथ ग्रहण से पूर्व साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश की। नेता प्रतिपक्ष शफी अहमद के नेतृत्व में सभी 16 पार्षद बजरंग बली के मंदिर गए और पूजा-अर्चना की। कांग्रेस प्रवक्ता अनूप मेहता ने कहा कि निगम चुनावों में भाजपा ने कई मुस्लिम पार्षद उम्मीदवारों के विरुद्ध सांप्रदायिक प्रचार किया था, लेकिन चुनाव जीतने के बाद आज उन्हीं मुस्लिम पार्षदों ने मंदिर में शीश नवाकर एकता और भाईचारे का संदेश दिया। शफी अहमद ने याद दिलाया कि वर्ष 2022 में माँ महामाया प्रवेश द्वार की पहल भी अल्पसंख्यक पार्षदों के नेतृत्व में हुई थी, जो इस शहर में सांप्रदायिक सौहार्द और समरसता की भावना को मजबूत करने का उदाहरण है।