★ ऑनलाइन ट्रेडिंग में 5 करोड़ से अधिक इन्वेस्ट करने वालेे पहुंचे एसपी के पास
अंबिकापुर @thetarget365 ऑनलाइल ट्रेडिंग एप्प के माध्यम से जमा किए गए रकम पर प्रतिमाह 10 प्रतिशत लाभांस देने का झांसा देकर लगभग 5 करोड़ रुपये की ठगी की शिकायत शहर के लोगों ने पुलिस अधीक्षक सरगुजा से की है।
सोमवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचे लोगों ने बताया कि हेडगेक्स फंड नामक कंपनी का निर्देशक एवं सहनिर्देशक कंपनी का नाम बदल-बदलकर उनसे रकम जमा कराते रहे। इनके विश्वास में आकर उन्होंने अपनी मूल्यवान संपत्ति दांव पर लगा दी। पूरे भारत में 3 से साढ़े तीन करोड़ लोगों के द्वारा कंपनी में रकम इन्वेस्ट करने की जानकारी ठगी के शिकार सरगुजा वासी दे रहे हैं।
अंबिकापुर निवासी विनीत पुनिया, संतोष लकड़ा, राकेश लकड़ा, यशोदा खाखा, एडमोन लकड़ा, दीपक बेक, रेनु टोप्पो, उपेन्द्र कुमार मांझी, अमीर एक्का, करिश्मा एक्का, मुन्ना टोप्पो, जस्टिन बरवा, हेलेन लकड़ा सहित अन्य ने लिखित आवेदन में अवगत कराया है कि कंपनी के निर्देशक दिनेश कुमार जैन पिता महोदव प्रसाद जैन निवासी वैभव कुमार भिलवाड़ा राजस्थान व सह निर्देशक कुलदीप सिंह पवार पिता जसंवत सिंह पवार निवासी ग्राम आक्या निमच मध्य प्रदेश के द्वारा हेडगेक्स फंड नामक कंपनी को भारत सरकार द्वारा अनुमोदित बताकर रकम जमा कराया गया था। इन्होंने आश्वस्त किया था कि जमा रकम कंपनी में सुरक्षित रहेगी, जिस पर संबंधित जमाकर्ताओं को 10 प्रतिशत लाभांस राशि प्रतिमाह प्रदान किया जाएगा। जब कभी मूल जमा राशि की मांग की जाएगी, तो उसे तत्काल वापस कर दिया जाएगा।
इन्हें लाभांस की 10 से 12 प्रतिशत राशि भी मिल रही थी, जिसे मार्च माह सेे देना बंद कर दिया गया है। कम्पनी का नाम बदलकर इसका संचालन लुकास इंटरनेशनल नाम से किया जाने लगा। वर्तमान में इसका नाम बदलकर फ्रिक मार्केट कर दिया गया है। कंपनी ने ऑनलाइन माध्यम से रकम जमा करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित किया था, इसके बाद वे पृथक-पृथक राशि प्रदत्त किए गए खाते में जमा कर रहे थे। कंपनी के कर्ताधर्ता इन्हें विश्वास में लेने के लिए राशि के सबंध में ऑनलाइन स्टेटमेंट प्रदाय किए थे। इसके बाद कंपनी के द्वारा रकम वापस करने में आनाकानी की जाने लगी।
राशि वापस करने के नाम पर बनी टालमटोल की स्थिति के बाद इन्होंने जमाकर्ताओं का फोन उठाना भी बंद कर दिया। पुलिस अधीक्षक को दिए गए शिकायत पत्र में बताया गया है कि कंपनी के कर्ताधर्ता विदेश फरार होने की योजना बनाई जा रही है। कंपनी के निर्देशक दिनेश कुमार जैन से संपर्क करने पर उसने धमकी भरे लहजे में स्पष्ट कह दिया कि जिन्होंने कंपनी खोला था, वे बंद कर दिए हैं, उसे इससे कोई लेना-देना नहीं है। शिकायतकर्ताओं ने इनके बैंक खाते को सीज करते हुए जमा की गई रकम को वापस कराने का आग्रह किया है।