■ सुशासन त्यौहार में प्राप्त आवेदनों की एंट्री करने शिक्षकों पर बनाया जा रहा दबाव
अंबिकापुर @thetarget365 राज्य शासन द्वारा 14 अप्रैल को डॉ. भीमराव अंबेडकर जयंती के अवसर पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है। इसके बावजूद अंबिकापुर विकासखंड शिक्षा कार्यालय द्वारा शिक्षकों को अवकाश के दिन अनिवार्य रूप से कार्य करने का निर्देश जारी किया गया है, जिससे शिक्षकों में रोष व्याप्त है। इन शिक्षिकों पर छुट्टी के दिन भी सुशासन त्यौहार में प्राप्त आवेदनों की एंट्री करने दबाव बनाया जा रहा है।
सर्व प्रधान पाठक प्राथमिक एवं माध्यमिक शालाओं को निर्देशित किया गया है कि वे अपने समस्त शिक्षकों को दिनांक 14 अप्रैल 2025 को प्रातः 8:00 बजे संकुल सुखरी में उपस्थित कराएं। निर्देश में कहा गया है कि शिक्षकों द्वारा सुशासन त्यौहार में प्राप्त आवेदनों की एंट्री अपने व्यक्तिगत मोबाइल से करना अनिवार्य है।
इस संबंध में 12 अप्रैल को विकासखंड शिक्षा कार्यालय, अंबिकापुर में एक आपात बैठक आयोजित की गई थी, जिसमें अनुभाग अधिकारी द्वारा समस्त संकुल प्रभारियों को स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया कि यदि कोई शिक्षक आवेदन एंट्री नहीं करता है, तो उसका नाम कार्रवाई के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। साथ ही प्रत्येक शिक्षक को प्रतिदिन 500 आवेदनों की एंट्री करने का मौखिक निर्देश भी दिया गया है।
शिक्षकों का कहना है कि यह निर्देश न केवल अनुचित है, बल्कि राष्ट्रीय अवकाश पर कार्य कराने का प्रयास शिक्षा विभाग की संवेदनहीनता को दर्शाता है। जब राज्य शासन स्वयं सामाजिक समरसता दिवस के अवसर पर जिला पंचायत सरगुजा के सभाकक्ष में कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दे चुका है, तब ऐसे में शिक्षकों से दबावपूर्वक कार्य कराना अनुचित और असंवैधानिक है।
विकासखंड के अधिकारी जहां उच्च अधिकारियों की चापलूसी में लगे हैं, वहीं शिक्षक वर्ग मानसिक दबाव और असंतोष का सामना कर रहा है। शिक्षकों ने मांग की है कि राष्ट्रीय अवकाश के दिन कार्य कराने का यह निर्णय तत्काल निरस्त किया जाए और उन्हें संविधान सम्मत अधिकारों के अनुसार सम्मानपूर्वक कार्य करने दिया जाए।