बहाली नहीं हुई तो दस दिसंबर को मजदूर करेंगे शक्कर कारखाना के सामने धरना प्रदर्शन
प्रतापपुर @thetarget365 विकासखंड प्रतापपुर अंतर्गत मां महामाया शक्कर कारखाना से निकाले गए केरता निवासी मजदूरों ने अपनी पुनः बहाली को लेकर प्रतापपुर एसडीएम ललिता भगत को आवेदन सौंपा है।
आवेदन में बताया गया है कि शक्कर कारखाने का निर्माण होने से पूर्व यहां की भूमि पर केरता सहित आसपास के मजदूर श्रेणी के ग्रामीण काबिज थे। जो भूमि पर थोड़ी बहुत खेती बाड़ी कर जीविकोपार्जन करते थे। जब शक्कर कारखाने का निर्माण किया जाने लगा तो कारखाना प्रबंधन ने मजदूरों से कहा था कि आप लोग यहां की भूमि से अपना कब्जा हटा लें बदले में आपको शक्कर कारखाना में काम करने के लिए पूरी प्राथमिकता दी जाएगी। जिस पर मजदूरों ने प्रबंधन की बातों पर भरोसा कर भूमि से अपना कब्जा हटा लिया। कब्जा हटने के बाद प्रबंधन ने भूमि का अधिग्रहण कर लिया।
शक्कर कारखाने की स्थापना हुई और प्रबंधन ने अपने वादे के अनुरूप भूमि चले जाने से बेरोजगार हो चुके मजदूरों को काम पर रख लिया। जिससे उनका व परिवार का भरण पोषण अच्छे से होने लगा फिर अचानक जून 2024 में प्रबंधन ने बिना कोई कारण बताए काम पर रखे गए मजदूरों को कारखाने से निकाल दिया। और उनके स्थान पर दूरदराज के लोगों को कमीशन के एवज में काम पर रख लिया। प्रबंधन की इस मनमानी का काम से निकाले गए मजदूरों ने विरोध भी किया पर कारखाने में पदस्थ अधिकारी ने किसी की भी एक नहीं सुनी उल्टे कहा कि तुम लोगों को अब काम पर नहीं रखा जाएगा जहां शिकायत करनी है कर दो।
इसके बाद मजदूरों ने अपनी बहाली को लेकर 23 सितंबर 2024 को सूरजपुर कलेक्टर को आवेदन दिया पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। फिर 30 अक्टूबर 2024 को स्थानीय विधायक शकुंतला सिंह पोर्ते को भी आवेदन देकर बहाली कराने गुहार लगाई गई। जिस पर विधायक ने दिए गए आवेदन में शक्कर कारखाना के एमडी आकाशदीप पात्रे के नाम मजदूरों की बहाली करने की अनुशंसा भी की थी। इसके बावजूद अभी तक मजदूरों की बहाली नहीं हो सकी है।
आवेदन में जल्द बहाली न होने पर मजदूरों ने 10 दिसंबर को शक्कर कारखाना के सामने धरना प्रदर्शन करने की बात भी कही है। आवेदन सौंपने वालों में खड़गवां निवासी पूर्व जनपद पंचायत उपाध्यक्ष सुरेश चक्रधारी व मजदूर शामिल रहे।