अंबिकापुर। जनजाति कार्य मंत्रालय की राज्य मंत्री एवं सरगुजा संसाद श्रीमती रेणुका सिंह ने छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग को वृहत्तर रेलवे नेटवर्क से जोड़ने की मांग के समर्थन में केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखकर स्वीकृति की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि जनजातीय क्षेत्र के विकास की दृष्टि से अंबिकापुर-रेणुकूट मार्ग अत्यंत आवश्यक है, जिसके पर्याप्त तार्किक, व्यावहारिक एवं आर्थिक आधार हैं। उन्होंने रेल मंत्री से फोन पर चर्चा कर इस मांग को जल्दी स्वीकृत करने का भी आग्रह किया है।
रेल मंत्री को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि अंबिकापुर-रेणुकूट मार्ग की स्वीकृति से राष्ट्रीय रेल लाइन (दिल्ली-बनारस-हावड़ा मुख्य मार्ग) से जुड़ने पर जहाँ इस क्षेत्र के सामाजिक, सांस्कृतिक एवं व्यापारिक हितों को लाभ पहुंचेगा, वहीं आजादी के 75 वर्षों पश्चात् अमृत महोत्सव के दौरान ये मांग पूरी करने का श्रेय भी सरकार को मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस मार्ग से सरगुजा संभाग के लोग कम दूरी व समय में सीधे वाराणसी व नई दिल्ली से जुड़ पाएंगे और अनेक जनजातीय कलाकृतियों, वनोपज एवं स्थानीय उत्पादों को एक बड़ा बाजार उपलब्ध हो सकेगा। हमारे आराध्य भगवान श्रीराम की जन्मभूमि अयोध्या, राम वनगमन पथ काशी विश्वनाथ कॉरीडोर, जगन्नाथपुरी से जुड़कर वृहद धार्मिक, सांस्कृतिक एवं पर्यटन के अवसरों का सृजन करेंगे, जिससे धर्म परायण जनता को सुविधा मिलेगी तथा हमारे संस्कृति के अन्य आयामों को बल मिलेगा। जगन्नाथपुरी को प्रयागराज से जोड़ने की उड़ीसा सरकार की मांग भी काफी पुरानी है जिससे (झारसुगुड़ा-अंबिकापुर- प्रयागराज) इस मार्ग से फलीभूत होगी। सरगुजा अंचल कोयला एवं बॉक्साइड उत्पादन के लिए जाना जाता है, साथ ही पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश एवं मध्यप्रदेश का सिंगरौली क्षेत्र भी कोयला उत्पादक क्षेत्र है, आपस में जुड़ जाने पर यह कोयला एवं बॉक्साइड परिवहन के लिए स्वर्णिम अवसर उपलब्ध कराएगा, जो आर्थिक दृष्टि से अत्यधिक लाभप्रद एवं व्यावहारिक है तथा हालिया सर्वे के अनुसार इस मार्ग का आरओआर (रिटर्न ऑफ रिटर्न ) भी 14% से अधिक है। यह प्रस्तावित मार्ग अन्य वैकल्पिक मार्गों की तुलना में लघुतर, कम लागत वाला और अपेक्षाकृत अधिक उपयोगी होगा। श्रीमती रेणुका सिंह ने पत्र में लिखा है कि यह नई रेल लाइन सरगुजा और सोनभद्र क्षेत्र के मूल संरचनात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, साथ ही बिखरे अनुसूचित क्षेत्रों को एक साथ जोड़ने के लिए जरूरी व महत्त्वपूर्ण है।
उत्तर छत्तीसगढ़ और सोनभद्र के दक्षिणांचल में उच्च शिक्षा धार्मिक क्रियाकर्म व बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी यह रेल लाइन बहुत उपयोगी साबित होगा। दोनों क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार कई वर्षों से यह मांग प्रबलता से उठाई जा रही है। माह सितंबर, 2023 के प्रथम सप्ताह में रेलवे संघर्ष समिति के नेतृत्व में क्षेत्र के लाखों लोगों ने जनचेतना पद यात्रा के माध्यम से इस मांग को रखा।
अंबिकापुर-रेणुकूट रेलमार्ग के लिए रेणुका ने लिखा केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र
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