अंबिकापुर। ओडिशा के राउरकेला के व्यवसायी से 46 करोड़ से अधिक की धोखाधड़ी के आरोप पर पुलिस ने उत्तरप्रदेश के सोनभद्र जिला अंतर्गत ओबरा के राममंदिर कालोनी निवासी राहुल अग्रवाल 32 वर्ष को गिरफ्तार कर लिया है। इस मामले में अंबिकापुर और झारखंड में रहने वाले आरोपित के रिश्तेदार व परिचित भी शामिल हैं। वे फरार बताए जा रहे हैं। मई 2023 में एफआईआर दर्ज होने के बाद भी आरोपित पुलिस पकड़ से बाहर था। सूचना के आधार पर शनिवार की रात सरगुजा पुलिस की एक टीम ने ओबरा में दबिश देकर राहुल अग्रवाल के साथ कुछ अन्य लोगों को पकड़ा। इनमें धोखाधड़ी में राहुल अग्रवाल की संलिप्तता पर उसे गिरफ्तार कर लिया गया है।
अंबिकापुर निवासी राहुल गोयल व उनके पिता केके अग्रवाल द्वारा अंबिकापुर में हनुमान कोल डिपो तथा मारुति मिनरल्स के नाम से व्यवसायिक फर्म संचालित किया जाता है। इनके द्वारा कोयला का कारोबार भी किया जाता है। ये दोनों इसी कंपनी के माध्यम से ओडिशा के फैक्ट्रियों में कोयला आपूर्ति का भी काम करते थे। उसी दौरान इनकी पहचान मेरिडियन टावर, नारायणी काम्पलेक्स उदित नगर राउरकेला ओडिशा निवासी गणेश रोलिंग मिल्स प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर पंकज अग्रवाल 42 वर्ष से हुई थी। आरोपितों ने ओडिशा के व्यवसायी को झांसा दिया कि सिंगरौली क्षेत्र के कोयला खदानों से नीलामी मे कोयला ख़रीद- बिक्री का काम साझेदारी में करेंगे तो ज्यादा लाभ होगा। बड़े स्तर पर काम करने से मुनाफा ज्यादा होगा। ओडिशा के व्यवसायी ने भी कोयला के व्यवसाय में निवेश करना शुरू कर दिया। आरोपितों ने उससे संबंधों का फायदा उठाकर छड़ का व्यवसाय भी शुरू कर दिया। उसकी फ़ैक्ट्री से छड़ लेकर रुपये भी नहीं दिए। अंबिकापुर के आरोपितों ने धोखाधड़ी में उत्तरप्रदेश में रहने वाले अपने रिश्तेदारों को भी शामिल कर लिया। कोयला और छड़ के नाम पर 46 करोड़ से अधिक की रकम की धोखाधड़ी कर ली। आरोपितों की नीयत भांप कर जब ओडिशा के व्यापारी ने रकम वापस मांगना शुरू किया तो छत्तीसगढ़ में ऊंची पहुंच तथा राजनैतिक संरक्षण का हवाला देकर ओडिशा के कारोबारी को धमकाना शुरू कर दिया। तब ओडिशा के व्यवसायी ने कोतवाली अंबिकापुर में शिकायत दर्ज कराई थी। जांच के बाद पुलिस ने राहुल गोयल, केके अग्रवाल, राहुल अग्रवाल, अमन अग्रवाल, सुजीत जायसवाल और पप्पू जायसवाल के विरुद्ध एफआईआर पंजीकृत किया था। 46 करोड़ की धोखाधड़ी के इस बहुचर्चित मामले में यह पहली गिरफ्तारी की गई है। शेष आरोपित फरार बताए जा रहे हैं।आरोपित के कब्जे से गणेश रोलिंग मिल्स से संबंधित लेन-देन के दस्तावेज जब्त किए गए हैं, प्रकरण मे शामिल अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है। सभी के विरुद्ध धारा 420, 409 व 34 के तहत प्राथमिकी की है। कार्रवाई में प्रशिक्षु उप पुलिस अधीक्षक शुभम तिवारी, थाना प्रभारी कोतवाली निरीक्षक राजेश सिंह, उप निरीक्षक अर्जुन यादव, प्रधान आरक्षक छत्रपाल सिंह, सियाराम मरावी, आरक्षक रुपेश महंत, जयदीप सिंह, शिव राजवाड़े, कपिल देव, चित्रसेन प्रधान शामिल रहे।
पुलिस के अनुसार पिता-पुत्र ने कोयला कारोबार के नाम पर पंकज अग्रवाल से 38 करोड़ 46 लाख 31 हजार रुपए धोखाधड़ी करने के बाद पुन: छड़ का कारोबार करने के नाम पर भी करीब आठ करोड़ रुपए की ठगी की थी। अंबिकापुर निवासी आरोपित केके अग्रवाल ने पंकज अग्रवाल को झांसा दिया कि बेटे राहुल गोयल ने ब्रोकर के माध्यम से छड़ का करोबार शुरु किया है।
इस कारोबार में मदद करो तो तुम्हारा सारा पैसा वापस कर दिया जाएगा। पिता-पुत्र के झांसे में फंसे पंकज अग्रवाल ने अपने करोड़ों रुपए निकलवाने के प्रयास में छड़ का व्यवसाय भी शुरू कर दिया। पंकज अग्रवाल अपने कंपनी से निर्मित छड़ राहुल गोयल को भेजता था।
इधर राहुल गोयल अपने साले राहुल अग्रवाल निवासी ओबरा, साढ़ू अमन अग्रवाल निवासी शक्तिनगर मध्यप्रदेश के अलावा परिचित सुजीत जायसवाल व पप्पू जायसवाल निवासी डाल्टनगंज (झारखंड)के साथ मिलकर सस्ते दरों पर अन्य व्यापारियों को छड़ की सप्लाई करने लगे। इस कारोबार में करोड़ों रुपए कमाने के बाद अपने पास ही रख लिए। इस तरह पिता-पुत्र ने मिलकर पंकज अग्रवाल से कुल 46 करोड़ से अधिक की ठगी की थी। मामले में आरोपित पिता-पुत्र केके अग्रवाल व राहुल गोयल के अलावा अमन अग्रवाल निवासी शक्तिनगर, सुजीत जायसवाल व पप्पू जायसवाल निवासी डाल्टनगंज फरार है। इनकी तलाश तेज कर दी गई है।
पुलिस जांच में पता चला कि अंबिकापुर में कोयला व्यवसाय से जुड़े दोनों फर्म के संचालक पिता-पुत्र हैं। इनके द्वारा ओडिशा के रोलिंग मिल डायरेक्टर से व्यवसायिक संबंध बनाया गया। उसकी फैक्ट्री में भी कोयला की आपूर्ति करते थे लेकिन यह नहीं बताया था कि वे पिता-पुत्र है। कोयला कारोबार को लेकर जब ओडिशा के व्यवसायी ने निवेश किया तो ये सभी मिलकर दूसरे हिस्सेदारों द्वारा रुपये वापस नहीं करने की बात की जाने लगी। एक बार ओडिशा का व्यवसायी अंबिकापुर आया। उसने पिता से निवेश रकम को लेकर बातचीत कर रहा था। उसी दौरान उसके पुत्र का फोन आ गया। दोनों के बीच बातचीत के दौरान ओडिशा के व्यवसायी को संदेह हुआ। जब उन्हें पता चला कि धोखाधड़ी करने वाले पिता-पुत्र व आपस मे रिश्तेदार हैं तो सभी के विरुद्ध प्राथमिकी कराई थी। आरोपितों द्वारा 15 अक्टूबर 2020 से लेकर आठ अप्रैल 22 के बीच में धोखाधड़ी की थी।