अंबिकापुर। भारत निर्वाचन आयोग ने अंबिकापुर और सीतापुर विधानसभा को संवेदनशील माना है। शांति, सुरक्षा या कानून व्यवस्था के लिए नहीं बल्कि यहां चुनावी खर्च निर्धारित सीमा से कई गुना अधिक होने की संभावना है। चुनावी खर्चे के लिए ही भारत निर्वाचन आयोग द्वारा इन दोनों हाईप्रोफाइल सीटों को संवेदनशील माना गया है। इसके पीछे कारण है कि मतदान 17 नवंबर को होना है लेकिन अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र में अभी तक लगभग 19 लाख तथा सीतापुर विधानसभा में लगभग 16 लाख के सामान निगरानी दलों ने जब्त किए हैं। ये सारे सामान मतदाताओं को वितरित करने के लिए ही या तो रखे गए थे या फिर परिवहन किए जा रहे थे। मतदाताओं को प्रलोभन के चक्कर में प्रत्याशी भारी-भरकम राशि खर्च कर सकते हैं इसलिए इस पर कड़ी निगरानी शुरू की गई है। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा चुनावी खर्च को लेकर सरगुजा जिले के अंबिकापुर और सीतापुर विधानसभा क्षेत्र को संवेदनशील माना गया है इसलिए यहां अलग-अलग व्यय प्रेक्षक भारत निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त किए गए हैं। सीतापुर से खाद्य मंत्री अमरजीत भगत तथा अंबिकापुर से उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव कांग्रेस की टिकट पर चुनाव मैदान में हैं। अंबिकापुर से भाजपा ने राजेश अग्रवाल व सीतापुर से रामकुमार टोप्पो को चुनाव मैदान में उतारा हैं। भाजपा के दोनों प्रत्याशियों को छोड़ दें तो सिंहदेव और भगत को विधानसभा चुनाव लड़ने का लंबा अनुभव हो चुका है। अब निर्वाचन आयोग द्वारा नियुक्त व्यय प्रेक्षक भी दोनों विधानसभा क्षेत्र में सक्रिय हो गए हैं। सीतापुर विधानसभा क्षेत्र के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा मंजूनाथ ए एन को व्यय प्रेक्षक नियुक्त किया गया है। विजय बहादुर वर्मा को अंबिकापुर विधानसभा क्षेत्र के अलावा लुंड्रा विधानसभा क्षेत्र के व्यय प्रेक्षक की जवाबदारी दी गई है। शांति सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए तीनों विधानसभा के लिए पुलिस प्रेक्षक के रूप में अमित बरदर को नियुक्त किया गया है।