प्रतापपुर (सूरजपुर)। प्रतापपुर विधानसभा में कांग्रेस की हार के प्रमुख कारण क्षेत्रीय मुद्दे रहे।
क्षेत्रीय मुद्दों में मूलभूत सुविधाओं से लेकर पंचायतों में आखिरी हद तक हुए भ्रष्टाचार के मामले हावी रहे। यदि अकेले जनपद पंचायत प्रतापपुर की बात करें तो इसके अधीन जिन 101 पंचायतों का संचालन होता है। उनमें से 90 प्रतिशत पंचायतों में हुए कई विकास कार्यों में जमकर भ्रष्टाचार हुआ है। पंचायतों में सीसी रोड, गोठान, डबरी, शौचालय, नहानी घर, कचरा प्रबंधन सेंटर, खेल मैदानों का समतलीकरण, मनरेगा व मुख्यमंत्री स्कूल जतन योजना जैसे कार्यों में अधिकारियों की मिलीभगत से पंचायत प्रतिनिधियों ने जमकर भ्रष्टाचार किया। इनमें से कुछ कार्य तो केवल कागजों में ही पूरे कर लिए गए और जो कार्य हुए वे भी गुणवत्ताहीन साबित हुए। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के अन्य मुद्दों की बात करें तो ग्रामीण स्तर के खिलाड़ियों को खेलों से जोड़ने गठित किए गए राजीव गांधी युवा मितान क्लब के खातों में शासन द्वारा भेजे गए करोड़ों रुपए की भी जमकर बंदरबांट की गई। इन पैसों से ग्रामीणों को खेल सामग्री बांटी जानी थी जो कि नहीं बांटी गई और जहां बांटी गई वहां भी नाम भर के लिए ही बांटी गई। ऊपर से इन पैसों का हिसाब किताब आज तक संबंधित विभाग के समक्ष प्रस्तुत नहीं किया गया। वहीं उचित मूल्य दुकानों में भी बड़े पैमाने पर राशन की अफरा तफरी की गई। जिसके कारण कई गांवों के ग्रामीण लंबे समय तक राशन से वंचित रहे। ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने पंचायतों में व्यापक पैमाने पर हुए इन भ्रष्टाचारों व अन्य मामलों की शिकायत नहीं की। ग्रामीणों ने इनमें से कई मामलों की जांच कराने पंचायत विभाग के अधिकारियों से लेकर एसडीएम तक से शिकायत की पर आज तक इन अधिकारियों ने भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार लोगों पर कोई कार्रवाई नहीं की। यह मामले शासन का ध्यानाकर्षण कराने प्रिंट मीडिया में भी लगातार प्रकाशित हुए पर शासन की बागडोर संभाल रहे जिम्मेदारों ने भी इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। इन्हीं सब बातों को लेकर ग्रामीणों में खासी नाराजगी देखी जा रही थी। यह नाराजगी इतनी ज्यादा थी कि कांग्रेस का घोषणापत्र भी इसके सामने धूमिल हो गया। नतीजतन कांग्रेस को इसका खामियाजा प्रतापपुर विधानसभा से हुई चुनावी हार के रूप में भुगतना पड़ा।
★ संबंधित मामले भी पड़े भारी
प्रतापपुर विधानसभा से कांग्रेस की हार के कारण राजस्व से संबंधित मामले भी रहे। जिनमें अवैध अतिक्रमण से लेकर भूमाफियाओं के खिलाफ मिली शिकायतों पर निष्क्रिय पड़े राजस्व विभाग के अधिकारियों ने कोई भी कार्रवाई करना उचित नहीं समझा। इसके अलावा जाति प्रमाणपत्र व भूमि से संबंधित नक्शा, बंटवारा, संशोधन, भूअभिलेखों में सुधार व चौहद्दी जैसे कार्य करने के नाम पर राजस्व विभाग में चल रही भारी कमीशनखोरी से भी ग्रामीण खासे त्रस्त दिखाई दे रहे थे।
★ नई विधायक से है ग्रामीणों को उम्मीद
जनपद पंचायत प्रतापपुर की पंचायतों में हुई व्यापक धांधली व अन्य मुद्दों को लेकर क्षेत्र के ग्रामीणों का कहना है कि इस बार उन्होंने भाजपा प्रत्याशी शकुंतला सिंह पोर्ते को मौका दिया है। उनसे उम्मीद करते हैं कि वे जनपद पंचायत प्रतापपुर की पंचायतों में हुए भ्रष्टाचार सहित अन्य मामलों की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई सुनिश्चित करने के साथ ही राजस्व विभाग में चल रही कमीशनखोरी पर भी लगाम लगाने का काम करेंगी। तथा साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की खस्ताहाल सड़कों का भी जिर्णोद्धार कराएंगी।