■ विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर आयोजित कार्यशाला
अंबिकापुर। फिजियोथेरेपी चिकित्सा विज्ञान की ऐसी विद्या है जिसमें बिना दवाई इलेक्ट्रिक और अल्ट्रासाउंड तरंगों तथा व्यायाम की मदद से उपचार किया जाता है। फिजियोथेरेपी न सिर्फ चोट, दर्द या ऑपरेशन के बाद की परिस्थियों में लाभ देता है बल्कि गर्भावस्था, कैंसर, गठिया, लकवा, महिलाओं में पीसीओडी जैसे बीमारियों में कारगर है। नवापारा शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में विश्व फिजियोथेरेपी दिवस पर आयोजित कार्यशाला में विशेषज्ञ चिकित्सको ने उक्त बातें कही।
कीमोथेरेपी विशेषज्ञ डॉ हिमांशु जायसवाल ने बताया स्तन कैंसर की सर्जरी में हाथ की कुछ नसें कट जाती है। ऐसे में फिजियोथेरेपी के मदद से मरीज को जल्दी राहत मिलती है। स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ सृष्टि पांडेय ने गर्भावस्था, पीसीओडी की बीमारियों में फिजियोथेरेपी की भूमिका की विस्तार से जानकारी दी। सीपीएम डॉ अमीन फिरदौसी ने नवापारा शहरी स्वस्थ्य केन्द्र में उपलब्ध सुविधाओं की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया यह छत्तीसगढ़ ही नहीं सम्भवतः देश का पहला प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जहां कैंसर के लिए कीमोथेरेपी और फिजियोथेरेपी की सुविधा है। कांग्रेस प्रवक्ता आशीष वर्मा फिजियोथेरेपी से हुए लाभ के सम्बंध में अपना अनुभव साझा किया। कार्यक्रम का संचालन कर रही फिजियोथेरेपिस्ट डॉ सपना सोनी ने बताया जिला अस्पताल में वर्ष 2021-22 में चार हजार और 2023 में अबतक 3800 लोगों ने और नवापारा अस्पताल में 2023 में अबतक 3295 लोगो ने फिजियोथेरेपी के माध्यम से लाभ प्राप्त किया है। आभार प्रदर्शन नवापारा यूसीएचसी की फिजियोथेरेपिस्ट डॉ वंश कीर्ति ने किया। कार्यशाला पश्चात मरीजो को योगा मैट, डाइट चार्ट और बुजुर्गों के लिए व्यायाम सम्बन्धी पुस्तिका प्रदान किया गया।कार्यशाला को सफल बनाने में नवापारा स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी डॉ आयुष जायसवाल, सिकल सेल विभाग के नोडल डॉ श्रीकांत, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ शीला नेताम, डीपीएम डॉ राम का सराहनीय योगदान रहा।
फिजियोथेरेपी से मिलती है मरीजों को राहत- डॉ. सपना सोनी
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