★ किसानों को विधानसभा चुनाव परिणामों का बेसब्री से इंतेजार
बतौली (सरगुजा)। विकासखंड बतौली के छः धान खरीदी केंद्रों में एक नवंबर से खरीदी चालू हुई है परन्तु तीन खरीदी केंद्रों में नाममात्र की खरीदी हुई, वहीं तीन खरीदी केंद्रों में अभी तक सुखा पड़ा है और खरीदी की बोहनी तक नहीं हो पाई है।
विकासखंड बतौली में वर्ष 2023-24 में छः खरीदी केंद्रों में धान खरीदी की व्यवस्था की गई है। जिनमे बतौली (बिलासपुर), खड़धोवा (भटको), बोदा, मंगारी, सेदम, बटाइकेला केंद्र हैं।
■ दो नए केंद्र में खरीदी
विकासखंड बतौली में धान खरीदी के लिए दो नए केंद्र बोदा और मंगारी में प्रारम्भ किया गया है। इन दोनों खरीदी केंद्रों में एक माह बीत जाने के बाद भी खरीदी प्रारम्भ नही हो पाई है। दोनों खरीदी केंद्रों में सभी तैयारी पूरी हो गई थी, बारदाने और अन्य आवश्यक जरूरत भी पूरी हो गई है परन्तु किसान अभी तक धान लेकर खरीदी केंद्रों में नही पहुंच पाए हैं।
■ एक माह में तीन हजार क्विंटल भी नही हुई खरीदी
विकासखंड बतौली के छः खरीदी केंद्रों में एक माह बीत जाने के बाद भी अभी तक 3000 क्विंटल धान की खरीदी नही हो पाई है। छः केंद्रों में सबसे ज्यादा बटाइकेला में 2443.60, बतौली में 295.20, खड़धोवा में 114.40 क्विंटल धान की खरीदी हुई है। सबसे ज्यादा बटाइकेला और सबसे कम खड़धोवा में खरीदी हुई है। जबकि मंगारी, बोदा और सेदम में खरीदी चालू नही हो पाई है।
■ क्या है कारण
खरीदी प्रारंभ हुए एक माह बीत जाने के बाद भी खरीदी केंद्रों में छाई बिरानी के कई कारण हैं। जिनमे सबसे अहम वजह फसल का देर से तैयार होना है। बारिश की अनिश्चितता के कारण बुआई में देर होने से फसल के पकने में समय लगा। फसल के पकने के बाद मौसम के बेरुखी भी किसानों को धान काटने और मिसाई में समय लग रहा है।
■ चुनावी परिणाम पर है किसानों की नज़र
चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के चुनावी वादों ने किसानों को चुनाव परिणाम के बाद धान बेचने पर मजबूर कर दिया।भाजपा ने जहां किसानों को एकमुश्त 3100/- रुपये क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदने का वादा किया साथ ही वर्ष 2016-17 के दो वर्ष का बोनस देने की बात कही।
वही कांग्रेस ने 20 क्विंटल धान 3200/- प्रति एकड़ खरीदने के साथ कर्ज माफ़ी का दावा किया।इन दोनो दलों के द्वारा किये गए घोषणा ने किसानों को चुनाव परिणाम आने तक 3 दिसम्बर तक इंतजार करने को मजबूर कर दिया।
कल विधानसभा चुनाव परिणाम आने के बाद धान खरीदी केंद्रों में धान बेचने किसानों की हलचल बढ़ जाएगी। किसान अपने उपज का पूरा मूल्य प्राप्त करने के लिए चुनाव परिणाम का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।