अंबिकापुर। यूनिसेफ छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेद्यशाला के द्वारा विश्व बाल दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के तहत् सरगुजा साइंस ग्रुप एज्युकेशन सोसायटी ने शासकीय प्राथमिक शाला गोधनपुर में विश्व बाल दिवस पखवाड़ा अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया। बच्चों से विभिन्न विषयों पर चर्चा हुई और उनमें छुपी प्रतिभाओं को बाहर लाने के प्रयास किये गये। इस दौरान बच्चों के अधिकार को लेकर भी जानकारी साझा की गई।
विगत दो माह पहले बच्चों के मुद्दों को राजनीतिक दलों के घोषणा पत्र में शामिल कराने हेतु स्कूलों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों के बीच बालसभा का आयोजन कर उनसे जुड़ी समस्याओं एवं उनकी मांगों को संकलित कर बच्चों का घोषणा पत्र बनाया गया था। इस दौरान शासकीय प्राथमिक शाला गोधनपुर में भी बालसभा का आयोजन कर बच्चों से जुड़ी समस्याओं को जाना गया था, तब बच्चों ने कॉपी और पेन की मांग की थी। स्कूली शिक्षकों ने भी बताया था कि पुस्तक तो बच्चों को मिल जाता है, किन्तु कॉपी को लेकर काफी समस्या रहती है। आज जब सरगुजा साइंस ग्रुप की टीम पुनः उसी विद्यालय में पहुंची तो बच्चों की मांग के अनुसार कॉपी पेन लेकर पहुंची। जहां बच्चों के बीच विभिन्न कार्यक्रम कराने उपरांत विद्यालय में उपस्थित 57 बच्चों को कॉपी और पेन का वितरण किया गया। कॉपी पेन पाकर बच्चों के चेहरे पर जो खुशी देखी गई, जो उत्साह उन्होंने व्यक्त किया, उसे शब्दों में बताना मुश्किल है। सरगुजा साइंस ग्रुप की ओर से प्रोग्राम कोआर्डिनेटर शिल्पी गुप्ता, इंटर्न छात्रायें पल्लवी, हेमवंती, ललीता तुरकाने सहित संतलाल कुमार ने विद्यालय जाकर विश्व बाल दिवस पखवाड़ा अंतर्गत कार्यक्रम सम्पन्न कराया।
इसके साथ ही साथ यूनिसेफ छत्तीसगढ़ एवं छत्तीसगढ़ बाल अधिकार वेद्यशाला के द्वारा तय किये गये विश्व बाल दिवस की थीम पर निर्धारित गो ब्लू कार्यक्रम के तहत् ग्रामीण क्षेत्रों के घरों में स्कूलों में दिवार का एक कोना निला कलर से पोताई कराया जा रहा है, जिसके समक्ष खड़े कर बच्चों के मनोभावों को विडियोग्राफी एवं फोटोग्राफी द्वारा संकलन किया जा रहा है। सरगुजा साइंस ग्रुप द्वारा इस कड़ी में सरगुजा जिले के ग्राम पंचायत राता, करदोनी, जमड़ी, कोरिमा, डकई, कांतिप्रकाशपुर, मानिकप्रकाशपुर, मेण्ड्राकला, कतकालो सहित कई ग्राम पंचायतों में इसके तहत् ग्राम पंचायतों से समन्वय बनाकर कार्यक्रम कराये जा रहे हैं। विश्व बाल दिवस सप्ताह अंतर्गत बाल अधिकारों की जानकारी पहुंचाने, बच्चों के मुद्दों को घर, परिवार, ग्राम पंचायत, स्कूल, ब्लॉक एवं जिला स्तर पर प्राथमिकता देने के लिये जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है।