सूरजपुर। विकासखंड रामानुजनगर की माध्यमिक शाला पतरापाली में सशस्त्र सेना झंडा दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। बच्चों ने शहीदों के नाम पर देशभक्ति गीतों का गायन व निबंध लेखन में भाग लिया तथा एक दूसरे के सीने पर झंडा लगाकर प्रति झंडा योगदान राशि एकत्र की। कार्यक्रम में शिक्षक योगेश साहू ने सशस्त्र सेवा झंडा दिवस के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि देश की सुरक्षा के लिए सैनिक दिन-रात एक कर अपना कर्तव्य निभाते हैं, लेकिन कई बार देश की सुरक्षा में सैनिकों को अपने प्राणों की आहुति भी देनी पड़ती है। ऐसे में इन सैनिकों के घर वालों के दर्द को समझ पाना बहुत कठिन होता है। सरकार ने 1949 से सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाने की शुरुआत की थी। देश की सुरक्षा में शहीद हुए सैनिकों के आश्रितों के कल्याण हेतु सशस्त्र सेना झंडा दिवस मनाया जाता है। इस दिन झंडे की खरीदी से होने वाली आय शहीद सैनिकों के आश्रितों के कल्याण में खर्च की जाती है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस द्वारा इकट्ठी की गई राशि युद्ध वीरांगनाओं, सैनिकों की विधवाओं, भूतपूर्व सैनिक, युद्ध में अपंग हुए सैनिकों व उनके परिवार के कल्याण पर खर्च की जाती है। सशस्त्र सेना झंडा दिवस देश की सशस्त्र सेना के वीर बहादुर सैनिकों और शहीदों को सम्मान देने और बुजुर्ग सैनिकों और शूरवीर को सलाम करने के भाव को प्रदर्शित करता है।
इस अवसर पर बच्चों ने विद्यालय में सांस्कृतिक कार्यक्रमों कि प्रस्तुति देने के अलावा सेना और देश के ध्वज की झांकी बनाकर प्रदर्शित की तथा झंडे और स्टिकर भेंट कर सहयोग राशि एकत्रित की। कार्यक्रम में प्रधान पाठक बीआर हितकर, संकुल समन्वयक जीडी सिंह, शिक्षक महेंद्र पटेल, अनीता सिंह, योगेश साहू, कृष्णा यादव, सविता साहू, रघुनाथ जायसवाल, भृत्य सरिता सिंह एवं सभी छात्र-छात्राओं ने अपना योगदान दिया।
शहीद सैनिकों के आश्रितों की मदद करने विघालय में मनाया गया सशस्त्र सेना झंडा दिवस
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