Cabinet minister : छत्तीसगढ़ की चर्चित महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े इन दिनों सोशल मीडिया पर “धान की रानी” बनी हुई हैं। वजह? खेतों में धान रोपते हुए उनका एक अनोखा फ़ोटोशूट जो अब चर्चा का केंद्र बन गया है — और हां, इस बार खेत में सिर्फ़ कीचड़ नहीं, कुर्सी भी है।
सरगुजा की मिट्टी से निकले नेताओं के लिए खेत-खलिहान का जुड़ाव कोई नई बात नहीं है। धान का कटोरा कहे जाने वाले इस अंचल में रोपा (धान रोपाई) सिर्फ़ एक कृषि प्रक्रिया नहीं, बल्कि उत्सव है। स्कूलों में छात्राओं की हाजिरी गिर जाती है, शहर की नौकरीपेशा महिलाएं छुट्टी लेकर गांव पहुंच जाती हैं — ताकि बीड़ा बनाकर पानी में उतर सकें। और अब लगता है कि यह उत्सव कैबिनेट स्तर तक भी पहुँच चुका है।
मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने यह काम आम किसानों की तरह नहीं किया। उन्होंने इसे स्टाइल के साथ किया। गीले और कीचड़ से लबालब खेत में बाकायदा एक कुर्सी लगवाई गई। फिर मंत्रीजी उस पर विराजमान हुईं, हाथ में बीड़ा थामा और कैमरे के लिए मुस्कान बिखेरते हुए धान रोपने लगीं। इस पूरे दृश्य में अगर कुछ नहीं था तो वह था पसीना।
पहले भी सरगुजा के कुछ नेताओं की धान रोपते हुए तस्वीरें आई हैं। ख़ास तौर पर यहाँ के राज परिवार के मुखिया टीएस सिंह देव और उनके परिवार की महिलाओं ने भी खेतों में जाकर रोपा लगाया है, लेकिन चेयर पर बैठकर धान रोपना, एक बिल्कुल नया “फार्म-फ्रेंडली फैशन स्टेटमेंट” है। यह दृश्य सामंती हनक और ग्रामीण व्यस्तता के बीच झूलता दिखता है। जैसे कोई कह रहा हो: “मैं खेत से जुड़ी हूं, लेकिन कपड़े गंदे नहीं कर सकती!”
क्या यह जमीन से जुड़ाव का नया तरीका है या फिर किसानों की पीड़ा को कुर्सी पर बैठकर समझने की नई परंपरा? जवाब चाहे जो हो, मंत्री महोदया ने कम से कम ये तो साबित कर ही दिया कि राजनीति में फ़ील्ड वर्क का मतलब हर किसी के लिए एक-सा नहीं होता।
इस वायरल तस्वीर ने एक ओर जहां सोशल मीडिया को भरपूर मसाला दे दिया है, वहीं दूसरी ओर खेतों में पसीना बहा रही असली मेहनतकश महिलाएं ज़रूर सोच रही होंगी — “काश हमारे लिए भी कोई चेयर व्यवस्था होती!”
मंत्री ने अपनी तस्वीरें फेसबुक पेज पर ही शेयर की हैं