Bihar Politics 2025: बिहार की सियासत में इन दिनों जुबानी जंग अपने चरम पर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए विवादित बयान का मामला अभी थमा भी नहीं था कि अब तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर विवादास्पद टिप्पणी कर नया राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। तेजस्वी ने नीतीश को “चीफ मिनिस्टर नहीं, चीट मिनिस्टर” कहकर संबोधित किया, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल तेज हो गई है।
क्या बोले तेजस्वी यादव?
पटना में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया से बातचीत में तेजस्वी यादव ने कहा: “नीतीश कुमार मुख्यमंत्री की तरह नहीं, धोखेबाज मंत्री की तरह बर्ताव कर रहे हैं। उनकी कोई अपनी सोच या विजन नहीं है। वे सिर्फ हमारी योजनाओं की नकल कर रहे हैं। बिहार की जनता अब इनकी चाल, चरित्र और चेहरा पहचान चुकी है। परिवर्तन निश्चित है।” तेजस्वी ने सीधा आरोप लगाया कि नीतीश सरकार RJD की योजनाओं की नकल कर रही है और उसे अपना बताकर जनता को भ्रमित कर रही है।
नई योजना पर बवाल क्यों?
बातचीत का संदर्भ नीतीश सरकार की नई महिला उद्यमिता योजना से जुड़ा है, जिसके तहत हर परिवार की एक महिला को दो लाख रुपये तक की आर्थिक सहायता दी जाएगी। सितंबर से शुरुआत करते हुए पहले चरण में महिलाओं को 10,000 रुपये दिए जाएंगे, और छह महीने के प्रदर्शन के आधार पर दो लाख रुपये तक की मदद दी जाएगी। तेजस्वी यादव का दावा है कि यह योजना RJD द्वारा पहले घोषित ‘माई-बहिन मान योजना’ की कॉपी है, जिसे उन्होंने बिहार चुनावों से पहले महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए प्रस्तावित किया था।
चुनाव से पहले बयानबाज़ी तेज
गौरतलब है कि बिहार में विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और सभी दल एक-दूसरे को निशाने पर लेने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे। हाल ही में राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ खत्म हुई है, जिसके बाद पटना में रोड शो भी प्रस्तावित है। इस राजनीतिक माहौल में तेजस्वी यादव का नीतीश कुमार पर यह हमला स्पष्ट रूप से RJD की आक्रामक चुनावी रणनीति का हिस्सा है।
क्या कहती है जनता?
जनता के बीच इन योजनाओं को लेकर चर्चा तेज है। एक ओर नीतीश सरकार महिला सशक्तिकरण को आगे बढ़ाने की बात कर रही है, वहीं विपक्ष इसे चुनावी स्टंट बता रहा है। सोशल मीडिया पर #CheatMinister और #MahilaYojanaWar जैसे ट्रेंड चल रहे हैं।
बिहार की राजनीति इस समय गर्म है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच योजनाओं की होड़ और जुबानी जंग ने चुनावी माहौल को और धारदार बना दिया है। आने वाले हफ्तों में यह टकराव और भी तीखा हो सकता है।
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